पुरुषार्थ और पराक्रम ये राजपूती देन है।
इसे ना मिटने देना ना कम होने देना,
हमने बचाया अपनी माँ की अस्मिता को,
इसे ना तुम कभी लुटने देना।
जो हाथ बढ़े इस ओर उन्ही वही खत्म कर देना,
आज कही खो रहा है वो शौर्य वो पराक्रम,
कब इसको तुम ना खोने देना।
ये हमारा पराक्रम ही था जो आज भी हम है,
इसी के बल पर हमने भगवा फहराया है,
न खोने देना, न मिटने देना,
जो आंच आये इस पर तो तूफान बनकर उभरना।
Video:-https://youtu.be/giFejyZEvVk
By:- Bhanwar Digvijay Singh Gaur